भारत के आम आदमी को स्वतंत्रता से बहुत सारी आशाएँ थीं। उन आशाओं को पूरा करने के लिए एक ओर भारतीय संविधान में अनेक प्रावधान सम्मिलित किए गए तो दूसरी ओर हमारे नेताओं ने गरीबीमुक्त, समाजवादी, धर्मनिरपेक्षता तथा समानता पर आधारित एक नए तथा आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण का वादा भी किया। संविधान तथा नेताओं दोनों ने कहा कि यह देश अब अपनी ही भाषा में सोचेगा, बोलेगा और लिखेगा। दूसरे शब्दों में एक नए तथा सुदृढ़ भारत का निर्माण किया जाएगा। जैसे जैसे समय बीतता चला गया, आम आदमी की आशाएं टूटती चली गई। चारों ओर हर क्षेत्र में अराजकता का एक नया दौर शुरू हो गया। भ्रष्टाचार की ऐसी तेज आंधी चलने लगी कि इसमें सारे आदर्श एवं जीवन-मूल्य ढहते ही चले गए। गरीब और भी गरीब होता चला गया। पहले जो आम आदमी हर परिवर्तन के केंद्र में होता था, अब उसे हाशिए पर खड़ा रहने को लाचार कर दिया गया। देश अनेक प्रकार की विसंगतियों से घिरता चला गया और आज भारत और आम आदमी दोनों ही अनेक प्रकार के कंटीले सवालों की गिरफ्त में पड़े छटपटा रहे हैं।
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अटल जी के नाम एक धारावाहिक पत्र / Atal ji Ke Naam Ek Dhaaravahik Patra
Original price was: ₹180.00.₹153.00Current price is: ₹153.00.
Edition: 2000
Pages: 236
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Shrawan Kumar Goswami
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