बुक्स हिंदी 

Sale!

अज्ञेय से साक्षात्कार / Agyey se Saakshatkar

Original price was: ₹495.00.Current price is: ₹420.75.

ISBN : 978-81-89982-35-5
Edition: 2012
Pages: 332
Language: Hindi
Format: Hardback


Author : Ed. Krishnadutt Paliwal

Category:
अज्ञेय से साक्षात्कार
सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन से लिए गए ये साक्षात्कार पिछले पाँच दशकों के दौरान की उनकी वैचारिक यात्रा को प्रस्तुत करते हैं। अज्ञेय की गणना भारतीय भाषाओं के मूर्धन्य रचनाकारों, संपादकों और आलोचनात्मक निबंधकारों में होती है। हिंदी साहित्य के आधुनिक मूर्तिभंजक अलीकी रचनाकारों में उन्होंने अपने सृजन-मुहावरे से युग-प्रवर्तन किया है। साहित्य जगत् में रवीन्द्रनाथ और टी० एस० इलियट की तरह उनके सृजन और चिंतन का युगांतरकारी महत्त्व है। उनके रचना-कर्म से परिचित प्रबुद्ध पाठक जानते हैं कि जैसे उन्होंने कविता को नए मोड़, नया बौद्धिक मुहावरा दिया, वैसे ही उन्होंने उपन्यास, कहानी, निबंध, आलोचना, डायरी, यात्रावृत्त, पत्रकारिता तथा इंटरव्यू आदि विधाओं में एक अभिनव क्रांति की है।
अज्ञेय अपने समय के विवाद-पुरुष और विवाद- नायक रहे हैं। सबसे ज्यादा विवाद-संवाद ‘तारसप्तक’ तथा ‘सप्तकों’ की भूमिकाओं को लेकर हुआ। पिछले साठ-पैंसठ वर्षों में शायद ही कोई ‘भूमिका’ इतनी विचारोत्तेजक और नए विवादों को जन्म देने वाली रही हो-जितनी कि ‘तारसप्तक’ की भूमिका। कवि-कर्म से संबंधित जितनी अवधारणाएँ, चिंतन और वाद-विवाद पिछले छह दशकों में पैदा हुए हैं उनका केंद्र ‘तारसप्तक’ ही है। ‘प्रयोग’, ‘परंपरा’, ‘आधुनिकता’, ‘काव्य-सत्य’, ‘जटिल संवेदना’, ‘काव्यानुभूति’, ‘काव्य-भाषा’, ‘काव्य- प्रतीक’, ‘काव्य-बिंब और लय’ आदि को लेकर तमाम बहसें उठ खड़ी हुईं। उनका उत्तर अज्ञेय को निबंध लिखकर या ‘साक्षात्कार’ देकर देना पड़ा। कथा-साहित्य में ‘शेखर: एक जीवनी’ को लेकर तो तूफान ही खड़ा हो गया। इस उपन्यास की प्रतियाँ जगह-जगह जलाई गईं, लेकिन अज्ञेय न रुके, न झुके और कथा-साहित्य में नए से नए प्रयोग किए।
Home
Account
Cart
Search
×

Hello!

Click one of our contacts below to chat on WhatsApp

× How can I help you?