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कवि ने कहा : नरेश सक्सेना / Kavi Ne Kaha : Naresh Saxena

Original price was: ₹300.00.Current price is: ₹255.00.

ISBN : 978-93-83233-40-3
Edition: 2014
Pages: 102
Language: Hindi
Format: Hardback


Author : Naresh Saxena

Category:
प्रशस्ति
नरेश सक्सेना समकालीन हिंदी कविता के ऐसे कवि हैं, जिनकी गिनती बिना कविता-संग्रह के ही अपने समय के प्रमुख कवियों में की जाने लगी।
एक संग्रह प्रकाशित होते-होते उच्च माध्यमिक कक्षाओं से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक पढ़ाए जाने लगे। पेशे से इंजीनियर और फिल्म निर्देशन का राष्ट्रीय पुरस्कार के साथ ही संगीत, नाटक आदि विधाओं में गहरा हस्तक्षेप। संभवतः यही कारण है कि उनकी कविताएँ अपनी लय, ध्वन्यात्मकता और भाषा की सहजता के कारण अनगिनत श्रोताओं, पाठकों की शुबान पर चढ़ गई हैं। वैज्ञानिक संदर्भों ने न सिर्फ उनकी कविताओं को मौलिकता प्रदान की है बल्कि बोलचाल की भाषा में उनके मार्मिक कथन, अभूतपूर्व संवेदना जगाने में सफल होते हैं। निम्न उद्धरण इसका प्रमाण है–
पुल पार करने से, पुल पार होता है
नदी पार नहीं होती
या
शिशु लोरी के शब्द नहीं, संगीत समझता है
बाद में सीखेगा भाषा
अभी वह अर्थ समझता है
या
बहते हुए पानी ने पत्थरों पर, निशान छोड़े हैं
अजीब बात है
पत्थरों ने, पानी पर
कोई निशान नहीं छोड़ा
या
दीमकों को पढ़ना नहीं आता
वे चाट जाती हैं / पूरी किताब
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