मेरे साक्षात्कार: चित्रा मुद्गल
किताबघर प्रकाशन की विशिष्ट पुस्तक-शृंखला ‘मेरे साक्षात्कार’ में अब तक कई वरिष्ठ साहित्यकारों के साक्षात्कारों के संकलन को प्रकाशित किया जा चुका है। इसी क्रम में हमारे समय की महत्त्वपूर्ण कथाकार चित्रा मुद्गल के विभिन्न पत्राकारों और साहित्यकारों द्वारा लिए गए चैदह साक्षात्कारों को इस पुस्तक में संकलित किया जा रहा है। कहने की जरूरत नहीं कि चित्रा जी ने अपनी रचनाओं में न केवल नारी-विमर्श को एक नई दृष्टि से परिभाषित किया है, बल्कि सामाजिक सरोकारों और मानवीय संबंधों का भी सूक्ष्म विश्लेषण किया है। जाहिर है, इन साक्षात्कारों के जरिए उन कृतियों की रचना- प्रक्रिया को जाना जा सकता है। इसके साथ ही उनके व्यक्तित्व के कई आयाम भी इसमें उजागर हुए हैं। निश्चित रूप से यह पुस्तक चित्रा जी के रचना-कर्म पर शोध करने वाले शोधार्थियों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी और उनके प्रशंसकों के लिए भी जो उन्हें और ठीक से जानने की इच्छा रखते हैं।
इस पुस्तक के लिए साक्षात्कारों का चयन, संयोजन और संपादन करना मेरे लिए आसान नहीं था, लेकिन
चित्रा जी के इस भरोसे (मुझे पता है विज्ञान, तुम यह
कर लोगे) ने मुझे आत्मबल दिया और फलस्वरूप यह पुस्तक आपके हाथों में है।
-विज्ञान भूषण