सन् 2006 में महाराष्ट्र के खेरलांजी नामक गाँव में एक दलित परिवार की महिला व उसकी किशोरी बेटी को भीड़ ने निर्वस्त्र करके गाँव में घुमाया, उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया और हत्या करके शवों को दूर फेंक दिया। साथ ही लड़की के दो भाइयों की भी, जिनमें एक अंधा था, हत्या कर दी गई। स्त्री स्वाभिमानी थी और अपनी ज़मीन पर खेती करके जीवनयापन करती थी। उसकी बेटी मेधावी थी, जिसने स्कूल में प्रथम स्थान हासिल किया था। कहा जाता है कि माँ-बेटी की यही तरक्की गाँव में उच्चतर तबके की आँखों में खटकती थी, जिसकी परिणति अंत में उस सामूहिक हत्याकांड के रूप में हुई। बाद में घटना के पीछे कारण चाहे जो दिए गए हों, लेकिन यह उच्चतर वर्ग का वही आहत झूठा दर्प था, जिसने इतिहास में इस काले पृष्ठ को जोड़ा। फाँसी बाग लंबे अरसे तक मस्तिष्क में छाई रही इसी घटना की परिणति है। वह इस घटना का प्रस्तुतीकरण नहीं है, वरन् घटना के पीछे की उस विषाक्त मानसिकता को अनावृत्त करता है, जो इस प्रगतिशील समय में भी ऐसी घटनाओं का कारक बनती है। उपन्यास में उस भय के अक्स हैं जिनमें जकड़ा एक पिता पुरजोर प्रयास करता है कि उसकी बेटी कहीं फर्स्ट आकर उच्च वर्ग के हिंसक क्रोध का शिकार न बन जाए। और अक्स उस आत्मसम्मान के भी हैं, जिनके साथ एक किशोरी लड़की आसन्न मृत्यु के खतरों के बावजूद दृढ़ता के साथ आगे कदम बढ़ाती है। ‘फाँसी बाग’ सदियों से कुंडली मारे बैठी असमानता और ऊँच-नीच की सामाजिक व्यवस्था तथा निरंतर अपमानित-प्रताड़ित होते हुए उसे ढोने को विवश एक असहाय तबके की पीड़ा का आख्यान ही नहीं बल्कि इक्कीसवीं सदी के आलोक में उस जुए को उतार फेंकने की आकांक्षा का उद्घोष भी है।
Sale!
Phansi Bagh
₹250.00 Original price was: ₹250.00.₹200.00Current price is: ₹200.00.
ISBN : 978-93-89663-12-9
Edition: 2020
Pages: 126
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Narendra Nagdev
Category: Novel
Related products
-
Buy nowNovel
शेष परिचय / Shesh Parichay
₹350.00Original price was: ₹350.00.₹297.50Current price is: ₹297.50. - Buy now
-
Sale! Out of stock
-
Buy nowNovel
देना-पावना / Dena Paavna
₹290.00Original price was: ₹290.00.₹246.50Current price is: ₹246.50.